Story Submitted by: Bhimraj
ट्रेनिंग का मॉड्यूल मुझे बहुत अच्छा लगा। हमने अपनी फील्ड ट्रेनिंग्स के दौरान मूल्यों की बात को और गंभीरता से शुरू की है। यहाँ तक की शादी ओर किसी सामाजिक कार्यक्रम में हमने प्रस्तावना को गिफ्ट्स के रूप में देना शुरू किया है। मुझे लगता है की इस प्रकार से संवैधानिक मूल्यों पर प्रत्येक नागरिक की जागरूकता बढ़ाई जा सकती है। मैं पेशे से वकील हूँ तो वकालत की पढाई करते वक़्त मैंने सच कहूं तो संविधान को केवल सिलेबस के हिसाब से ही पढा था लेकिन इस ट्रेनिंग के बाद संविधान को वास्तविक रूप से जाना हैं। अब जो समझ बनी है उसे मैं अपनी दलीलों में भी शामिल कर रहा हूँ। यदि कोर्ट में कोई क्रॉस आदि करते समय भी मैं मूल्यों को ध्यान में रखता हूँ कि व्यक्ति की गरिमा को कोई ठेस नहीं पहुँचे।
सामाजिक कार्य करते वक़्त कई सवाल अभी भी वही है लेकिन अधिकारों और मूल्यों की जानकारी की वजह से हमारा काम हम संविधान के दायरे में रहकर कर रहे हैं। मैं प्रशिक्षकों का आभार व्यक्त करता हूँ।
The above story has been written and published with the explicit consent of the individual involved. All facts presented are based on WTPA's direct interaction with the individual, ensuring accuracy and integrity in our reporting.
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